लड़िये, रूठिये पर बातें बंद ना कीजिए
बातों से अक्सर उलझने सुलझ जाती है।
गुम होते हैं शब्द, बंद होती है जुबां,
संबंध की डोर ऐसे में और उलझ जाती है।
जिंदगी में कोई ऐसा मौका आए,
विश्वास रूपी नैया डगमगाने लग जाए।
तो रहना ना तुम खामोश, कर लेना दो पल बात,
कही खामोशी रिश्ता टूटने की वजह न बन जाए।
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